मुद्रक को प्रचार सामग्री छपवाने वाले का नाम प्रकाषित करना अनिवार्य-कलेक्टर श्री गढ़पाले
कटनी (29 अक्टूबर)- कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन
अधिकारी विशेष गढ़पाले ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127 की उपधारा (क) के अनुसार
कोई भी मुद्रक अभ्यर्थियों की प्रचार सामग्री प्रकाषित करता हैं, तो उसे जिला निर्वाचन कार्यालय
को किस अभ्यर्थी ने प्रचार सामग्री छपवाई है, उसका का नाम, पता और प्रकाषक ने कितनी
संख्या में प्रचार सामग्री छपवाई है, इसकी जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को देनी होगी।
उन्होने कहा कि बिना अनुमति के प्रचार
सामग्री प्रकाषित करना अपराध की श्रेणी में आता है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी
ने बताया कि सभी मुद्रकों को प्रकाषित प्रचार सामग्री छपवाने वाले अभ्यर्थी का नाम
तथा मुद्रणालय का भी नाम छपवाना अनिवार्य होगा। उन्होने कहा कि अगर वगैर अनुमति के
कोई अभ्यर्थी अथवा मुद्रक प्रचार सामग्री छपवाता है, अथवा प्रचार सामग्री में अपना नाम
नहीं छपवाता है तो इस प्रकार का कार्य अपराध माना जायेगा। जिसमें संबंधित के विरूद्ध
2 हजार रूपए
का जुर्माना अथवा 6 माह के कारावास का प्रावधान हैं। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि
जो अभ्यर्थी अथवा व्यक्ति प्रचार सामग्री छपवा रहा है उसकी समुचित पहचान होना चाहिए।
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने बताया कि
निर्वाचन नियमों के अनुसार कोई भी व्यक्ति कोई ऐसी निर्वाचन पुतिस्का या पोस्टर जिसके
मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रक और प्रकाषक के नाम पते न हों मुद्रित या प्रकाषित नहंी
करेगा और न मुद्रित या प्रकाषित करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचन पम्पलेट या पोस्टर
को मुद्रित नहीं करेगा अथवा प्रकाशित नहीं करायेगा, जब तक कि वह उसके प्रकाषक को अपने
द्वारा हस्ताक्षरित और ऐसे दो व्यक्तियों द्वारा जो उसे स्वंय जानते हैं, अनुप्रमाणित द्विप्रतीक घोषणा
मुद्रक को परिपत्र में नहंी कर देगा तथा जब तक कि मुद्रक द्वारा घोषणा पत्र की एक प्रति,
दस्तावेज की एक प्रति
सहित दस्तावेज के मुद्रण के पष्चात युक्तियुक्त समय में नहीं भेजी जाती।
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